भाजपा पार्टी दावा करती है की उन्होंने गरीबो के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का काम किया है. जबकि हकीकत ये है की केंद्र की भाजपा सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण छत्तीसगढ़ को पीएम आवास का करीब चार साल तक बजट नहीं दिया गया. जिसके बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पिछडो-वंचितों को कपड़ा-रोटी-मकान के उद्देश्य से खुद बजट लगाकर लोगों को सर पर छत देने का काम किया है. लेकिन फिर भी प्रचारजीवी प्रधानमंत्री क्रेडिट खाने के लिए सिर्फ झूठ और जुमला परोस रहे हैं. लेकिन जनता सब जानती है.
भाजपा की प्रदेश में 15 साल तक सरकार रही. लेकिन उन्होंने हमेशा किसानों को छलने का काम किया. जब भी चुनाव को दरवाजा पर देखते हैं तो जुमलों की बारिश करने लगते हैं. जैसे भाजपा ने पिछले चुनाव में किसानों से 2 हजार रूपए समर्थन मूल्य में धान खरीदी की घोषणा की थी. लेकिन जनता ने उनके इस जुमले को नकार दिया और भूपेश पर भरोसा जताया. जिसका नतीजा ये निकला की मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ के किसान से भूपेश सरकार 2650 रूपए में धान खरीदी कर रही है. यहीं नहीं राज्य स्थापना के बाद से लेकर अब तक सबसे ज्यादा रिकॉर्ड धान 110 लाख मीट्रिक तन धान किसानों ने भएका. जिसकी राशि 25 हजार करोड़ रूपए सीधे किसाओं के खातों में दिया गया. जिससे प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है. तभी तो प्रदेश के किसान मानते हैं की उन्होंने जुमले को नकार करके खेतों में हरियाली और घर में खुशहाली लाने का काम किया है.
भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में टीचर की कमी और इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से हजारों स्कूलों पर ताले लग गए. लेकिन कांग्रेस की प्रदेश में सरकार आयी तो भूपेश सरकार ने शिक्षा को महत्व देते हुए आत्मानंद स्कूल बनवाया. जिससे अब गाँव के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं. स्कूलों में किताबी ज्ञान के बजाए बच्चों को लैब और आधुनिक तकनीकों से लैस क्लासरूम के माध्यम से दिया जा रहा है. यही वजह है की मौजूदा समय में आम जनमानस अपने बच्चोंको आत्मानंद स्कूल में भर्ती के लिए बढ़ चढ़कर लाटरी सिस्टम के माध्यम से दाखिला दिलाने की जुगत में लगे रहते हैं.
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी के खाते में करीब 15 लाख रूपए डालने का वादा किया था. जब सरकार बनी तो देश के मौजूदा गृह मंत्री ने मीडिया से वार्ता में कहा की 15 लाख देने का वादा सिर्फ एक जुमला था. जबकि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में किसानों के कर्ज माफ़ी की बात कही थी. जिसके बाद भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले दिन ही कैबिनेट की बैठक कर करीब 10 हजार करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया. इसी वजह से ही तो सब कह रहे हैं 'भूपेश है तो भरोसा है'.